तिलक वर्मा को क्यों रिटायर्ड आउट किया गया था, हार्दिक पंड्या ने दुनिया को ब… – भारत संपर्क

हार्दिक पंड्या ने बताई तिलक वर्मा को रिटायर्ट आउट करने के पीछे की सच्चाई. (Photo: PTI)
तिलक वर्मा ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ शानदार वापसी की. उन्होंने इस मुकाबले में महज 29 गेंद 193 के स्ट्राइक रेट से 56 रनों की पारी खेली और बाजी पलट दी. 222 रन चेज करते हुए मुकाबले से बाहर हो चुकी मुंबई इंडियंस के पक्ष में मैच को झुका दिया. हालांकि, 18वें ओवर में वो आउट हो गए और मुंबई ये मैच 12 रनों से हार गई. लेकिन उन्होंने अपना दम दिखा. हालांकि, पिछले मैच ही में धीमी पारी को लेकर उनकी काबिलियत सवाल उठे थे. यहां तक कि उन्हें बीच मैच से रिटायर्ड आउट कर दिया गया था, जिसके बाद उनकी फजीहत हो गई थी. लेकिन हार्दिक पंड्या ने अब इसकी असल सच्चाई बताई है.
क्यों रिटायर्ड आउट हुए थे तिलक?
तिलक वर्मा ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ धीमी पारी की वजह से अंत में रिटायर्ड आउट किए जाने के अपमान का बदला लिया. उन्होंने वानखेड़े में अपने बल्ले से सभी आलोचकों को जवाब दिया. वहीं टीम के कप्तान हार्दिक पंड्या ने उन्हें रिटायर्ड आउट किए जाने के बाद हुए विवाद पर जवाब दिया है. बेंगलुरु के खिलाफ मैच के बाद उन्होंने खुलासा किया कि पिछले मैच में तिलक उंगली की इंजरी के साथ खेल रहे थे.
हार्दिक ने कहा ” तिलक ने आज शानदार बैटिंग की. आज उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. पिछले मैच में बहुत कुछ हुआ. लोगों ने उनके बारे में बहुत कुछ कहा, लेकिन लोगों को नहीं पता कि मैच के पिछले दिन उन्हें बहुत बुरी तरह चोट लगी थी. यह एक टैक्टिकल फैसला था. उनकी उंगली की वजह से कोच को लगा कि अच्छा होगा कि कोई नया खिलाड़ी आकर बड़े शॉट लगाए.”
तिलक ने खेली थी धीमी पारी
लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मुकाबले में तिलक वर्मा ने खराब बल्लेबाजी की थी. वो एक-एक रन बनाने के लिए तरस गए थे. चौके-छक्के लगाकर मैच जिताने की उनकी हर कोशिश फेल हो रही थी. 204 रन चेज करते हुए वो 23 गेंद में 25 रन ही बना सके थे. इसलिए 19वें ओवर में उन्हें रिटायर्ड आउट करके बाहर बुला लिया गया था. लखनऊ के खिलाफ हार के बाद मुंबई इंडियंस के हेड कोच ने खुद खुलासा किया था कि तिलक वर्मा को रिटायर्ड आउट करके वापस बुलाने का फैसला उनका ही था.
उनके मुताबिक के एक रणनीति के तहत ऐसा किया गया था. उन्होंने मैच की परिस्थिति को देखते हुए तिलक वर्मा को वापस बुलाया. उनका कहना था कि फुटबॉल मैच में जैसे मैनेजर अंतिम समय में अपने सब्सटिट्यूट खिलाड़ी को मैदान पर उतारता है, उसी तरह क्रिकेट में भी एक नया एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश की थी. हालांकि, नतीजा उनके पक्ष में नहीं रहा.