सैफ अली खान का क्रिकेट करियर बनने से पहले क्यों हो गया बर्बाद, जबकि पिता रह… – भारत संपर्क
सैफ अली खान का क्रिकेट करियर बनने से पहले क्यों हो गया बर्बाद? (Photo: PTI/Getty)
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सैफ अली खान आज फिल्मों की दुनिया में हैं. लेकिन कभी वो भी क्रिकेट खेला करते थे. हालांकि, इसमें करियर नहीं बना सके, जबकि ये खेल उनके परिवार का पहचान रहा है. उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी भारतीय टीम के कप्तान रह चुके हैं. वहीं, दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी भी टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं. यानि ये खेल उनकी रगों में हैं और खानदानी प्रोफेशन रह चुका है. इसके बावजूद सैफ क्यों इसमें अपना करियर नहीं बना सके? आइये जानते हैं.
कैसे बर्बाद हुआ सैफ का क्रिकेट करियर?
सैफ अली खान का परिवार पहले से ही क्रिकेट के खेल से जुड़ा हुआ था. बाद में उनके पिता ने मंसूर अली खान पटौदी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्मिला टैगौर से शादी की. फिर फिल्मों की दुनिया से भी उनका नाता जुड़ गया और सैफ अली खान ने इसी को अपना करियर बनाया. हालांकि, पहले वो क्रिकेटर बनना चाहते थे. उन्होंने कुछ साल पहले खुलासा किया था कि वो कभी स्कूल या कॉलेज के लिए नहीं खेल सके, लेकिन उन्होंने भी अच्छी क्रिकेट खेली है. सिर्फ एक चीज ने उन्हें इसमें करियर बनाने से रोक दिया था.
सैफ अली खान ने कहा था कि ‘क्रिकेट मेरे खून में था. इसे मेरे घर में धर्म की तरह माना जाता था. सिर्फ मेरे पिता ही नहीं मेरे दादा भी भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं. दोनों ने कप्तानी भी की. मेरे दादा ने तो महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन के खिलाफ भी खेला था. मैंने भी क्रिकेट खेला लेकिन ये एक बहुत ही मेंटल गेम है. इसमें धैर्य और टाइमिंग की जरूरत होती है. इस चीज की मुझमें बहुत ही कमी थी. इसलिए मैं इसे ज्यादा नहीं खेल सका और इस खेल में करियर बनने से पहले ही बर्बाद हो गया.’
सैफ के पिता और दादा का करियर
सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी टीम इंडिया के सबसे युवा कप्तान थे. उन्होंने महज 21 साल की उम्र में भारत की कमान संभाल ली थी. मंसूर अली खान पटौदी ने भारत के लिए 1961 से 1975 के बीच 46 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 83 पारियों में 34.91 की औसत से 2793 रन बनाए. अपने टेस्ट करियर में पटौदी ने 15 अर्धशतक और 6 शतक लगाए थे. वहीं 40 मुकाबलों में भारत के लिए कप्तानी की, जिसमें 9 में जीत हासिल की.
हालांकि, कप्तान के तौर पर उनके नाम सिर्फ 9 जीत दर्ज है. लेकिन उस वक्त भारतीय टीम काफी कमजोर हुआ करती थी. हर मैच में उसका हारना तय माना जाता था, पटौदी ने जिसे अपनी कप्तानी के दौरान बदला और जीत की शुरुआत की. दूसरी ओर सैफ के दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी ने इंग्लैंड के लिए डेब्यू किया था. बाद में वो भारत के लिए खेलने लगे थे. उन्होंने 6 टेस्ट की पारियों में 19.90 की औसत से 199 रन बनाए थे. बता दें फर्स्ट क्लास में उनके रिकॉर्ड शानदार थे, जिसमें 127 मैचों में 48.61 की औसत से उन्होंने 8750 रन बनाए थे.