नहीं बढ़ी सड़कों की चौड़ाई और पांच साल में बढ़ एक लाख से…- भारत संपर्क
नहीं बढ़ी सड़कों की चौड़ाई और पांच साल में बढ़ एक लाख से अधिक वाहन, कोरबा जिले में बढ़ी जाम की समस्या, हादसों का ग्राफ भी बढ़ा
कोरबा। ऊर्जाधानी की सडक़ों पर यातयात का दबाव तेजी से बढ़ रहा है। सालाना छोटी बड़ी 19 हजार से अधिक गाडिय़ां सडक़ पर उतर रही है। इससे शहर और इसके बाहरी इलाके में यातायात का दबाव बढ़ गया है। शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है। बाहरी इलाको में दुर्घटनाएं हो रही है। परिवहन विभाग के रिकार्ड बताते हैं कि पांच साल में एक लाख एक हजार से अधिक नई गाडिय़ां सडक़ पर उतरी हैं। इसमें सबसे अधिक दोपहिया है। आकड़े बताते है कि सडक़ों पर यातायात का दवाब तेजी से बढ़ रहा है। गाडिय़ों की संख्या में बढ़ोत्तरी के बावजूद सडक़ चौड़ीकरण की प्रकिया धीमी गति से चल रही है। जबकि जरूरत के अनुसार सडक़ चौड़ीकरण बेहर जरूरी है। इसके बिना सडक़ दुर्घटना को रोकना या कम करना संभव नहीं है। शहर में गाडिय़ों की तादाद इस तरह बढ़ रही है कि पार्किंग की समस्या खड़ी हो रही है। जगह की कमी से गाडिय़ों को सडक़ किनारे खड़ा किया जा रहा है। पॉवर हाउस रोड पर भी दिन रात गाडिय़ां सडक़ किनारे खड़ी करती है। निहारिका आदि क्षेत्र में भी पार्किंग के लिए स्थान की कमी है।
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राज्य गठन के समय 20 हजार गाडिय़ां थीं
1 नवंबर 2001 को छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश से अलग होकर नया राज्य बना। उस समय कोरबा जिले में 20 हजार गाडिय़ां थी। गठन के बाद गाडिय़ों की संख्या साल दर साल बढ़ता गया। अब सडक़ पर वाहनों की संख्या ढाई लाख को पार करने लगी है। पांच साल में ही एक लाख से अधिक नई गाडिय़ों कोरबा की सडक़ पर उतरी है।
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प्रत्येक साल सडक़ पर उतरी नई गाडिय़ां
वर्ष संख्या वाहन
2010-11 19,490
2011-12 20, 326
2012-13 19,113
2013-14 20, 860
2014-15 21, 520
2015-16 22, 974
2016-17 21,890
2017-18 23,568
2018-19 19,674
2019-20 22,654
2020-21 21,867
2021-22 20,658