क्या फ्यूल के दाम में आएगा उबाल? कच्चे तेल में आ चुका है 12…- भारत संपर्क

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क्या फ्यूल के दाम में आएगा उबाल? कच्चे तेल में आ चुका है 12…- भारत संपर्क
क्या फ्यूल के दाम में आएगा उबाल? कच्चे तेल में आ चुका है 12 फीसदी का उछाल

Image Credit source: सांकेतिक तस्वीर

खाड़ी देशों का कच्चा तेल 84 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी तेल 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब हैं. मौजूदा साल में दोनों में करीब 12 फीसदी तक की तेजी देखने को मिल चुकी है. जिसका प्रमुख कारण चीन की ओर से बढ़ती डिमांड को माना जा रहा है. जानकारों की मानें तो अमेरिका और चीन की ओर से कच्चे तेल की डिमांड में इजाफा देखने को मिल रहा है.

दूसरी ओर फेड की ओर से भी संकेत मिल रहे हैं कि सितंबर के महीने में ब्याज दरों में कटौती की जाएगी. जिसकी वजह से डॉलर में गिरावट के कारण कच्चे तेल की कीमत में तेजी देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर ओपेक देशों की ओर से वॉलेंटरी प्रोडक्शन कट को जून के बाद भी जारी रखने के संकेत दे दिए हैं. जिसका असर कीमतों में साफ देखने को मिल रहा है.

वहीं दूसरी ओर भारत में लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बढ़ोतरी का असर पेट्रोल और डीजल की कीमत में देखने को नहीं मिल रहा है. 16 मार्च के बाद से पेट्रोल और डीजल के दाम पूरी तरह से फ्रीज हैं. 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे उसके बाद मुमकिन है कि पेट्रोलियम कंपनियां फ्यूल की कीमत में इजाफा करें.

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16 मार्च को देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी. उस दौरान अनुमान लगाया गया था कि ऑयल कंपनियों के प्रॉफिट में 30 हजार करोड़ रुपए की कटौती देखने को मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत क्या हो गई है?

कितने हुए कच्चे तेल के दाम?

इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत में बीते एक हफ्ते से इजाफा देखने को मिला है. मौजूदा समय में खाड़ी देशों का कच्चा तेल 83.96 डॉलर प्रति ओंस पर है. एक हफ्ते में इसमें एक डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. जबकि मौजूदा साल में करीब 9 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. साल की शुरुआत में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम करीब 76 डॉलर प्रति बैरल पर थे. जिसमें तब से अब तक करीब 8 डॉलर प्रति बैरल की तेजी देखने को मिल चुकी है.

वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत में बीते एक हफ्ते में ब्रेंट के मुकाबले ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. डब्ल्यूटीआई के दाम में एक हफ्ते में 2 फीसदी से ज्यादा तेजी आई है. जिसकी वजह से कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पर पहुंच गई है. जबकि एक हफ्ता पहले दाम 78 डॉलर प्रति बैरल से कुछ ज्यादा थे.

इसका मतलब है कि इसमें करीब ढाई डॉलर से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. वहीं दूसरी ओर मौजूदा साल में डब्ल्यूटीआई के दाम में करीब 12 फीसदी की तेजी देखी गई है. साल की शुरुआत में अमेरिकी तेल के दाम करीब 72 डॉलर प्रति बैरल पर थे. तब से अब तक इसमें 8 डॉलर प्रति बैरल का इजाफा देखने को मिल चुका है.

क्यों महंगा हो रहा है कच्चा तेल?

कच्चे तेल के महंगे होने के कई कारण बताए जा रहे हैं. जिसमें सबसे बड़ा कारण चीन की ओर से बढ़ती डिमांड है. चीन की इकोनॉमी रिकवरी मोड में है. अप्रैल के महीने में चीन का इंडस्ट्रीयल आउटपुट सालाना आधार पर 6.7 फीसदी तक बढ़ा है. वहीं दूसरी ओर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बूस्ट करने के लिए चीन की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं. चीन अपने प्रॉपर्टी सेक्टर को बूस्ट करने के लिए बड़े कदम उठाने जा रहा है.

इसके अलाावा अमेरिकी फेड की ओर से लगातार संकेत मिल रहे हैं कि सेंट्रल बैंक सितंबर के महीने में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में कटौती आई है और कच्चे तेल के दाम में उछाल देखने को मिल रहा है. इसके अलावा ऑयल प्रोड्यूसर्स का संगठन ओपेक प्लस भी वॉलेंटरी प्रोडक्शन कट को जून के बाद और बढ़ाने के संकेत दे रहा है. जिसकी वजह से सप्लाई में कमी देखने को मिल सकती है.

क्या होगा भारत पर असर?

जिस तरह से मौजूदा साल में कच्चे तेल के दाम में इजाफा देखने को मिल रहा है. उससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है. लेकिन ये इजाफा अभी नहीं बल्कि 4 जून के बाद देखने को मिल सकता है. तब जब देश में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने होंगे. तब इस बात की भी जानकारी होगी कि देश में किसकी सत्ता बनने वाली है. अमूमन माना जाता है कि चुनाव के बाद देश में महंगाई में इजाफा होता ही है. लेकिन इस बार पेट्रोलियम कंपनियों के लिए ये महंगाई जस्टीफाई करने वाली हो सकती है.

उसका प्रमुख कारण भी है. मार्च मिड में जब देश की सरकारी ऑयल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी, तब अनुमान लगाया गया था कि पेट्रोलियम कंपनियों को एक साल में प्रॉफिट में 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है. ऐसे में कंपनियां नुकसान की भरपाई के लिए फ्यूल के दाम में इजाफा कर सकती हैं.

देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम

  1. नई दिल्ली: पेट्रोल रेट: 94.72 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.62 रुपए प्रति लीटर
  2. कोलकाता: पेट्रोल रेट: 103.94 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 90.76 रुपए प्रति लीटर
  3. मुंबई: पेट्रोल रेट: 104.21 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 92.15 रुपए प्रति लीटर
  4. चेन्नई: पेट्रोल रेट: 100.75 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 92.34 रुपए प्रति लीटर
  5. बेंगलुरु: पेट्रोल रेट: 99.84 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 85.83 रुपए प्रति लीटर
  6. चंडीगढ़: पेट्रोल रेट: 94.24 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 82.40 रुपए प्रति लीटर
  7. गुरुग्राम: पेट्रोल रेट: 95.19 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 88.05 रुपए प्रति लीटर
  8. लखनऊ: पेट्रोल रेट: 94.65 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.76 रुपए प्रति लीटर
  9. नोएडा: पेट्रोल रेट: 94.83 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.96 रुपए प्रति लीटर

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