क्या फिर बढ़ेगा पेट्रोल और डीजल पर क्लेश? कुछ ऐसा फैसला कर…- भारत संपर्क

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क्या फिर बढ़ेगा पेट्रोल और डीजल पर क्लेश? कुछ ऐसा फैसला कर…- भारत संपर्क

कच्चे तेल की कीमत में फिर से इजाफा हो गया है. खाड़ी देशों का कच्चा तेल 84 डॉलर और अमेरिकी कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गए हैं. आने वाले दिनों में इनमें और इजाफा देखने को मिल सकता है. जी हां, 12 ऑयल प्रोड्यूसिंग देशों का संगठन ओपेक आने वाले दिनों में ऐसा फैसला ले सकता है, जिससे दुनिया के बाकी देशों को काफी बड़ी टेंशन हो सकती है. उस फैसले का असर भारत जैसे देशों पर ज्यादा दिखाई देगा जो अपनी जरुरत का 85 फीसदी ऑयल इंपोर्ट करते हैं. खास बात तो ये है कि 8 फरवरी के बाद खाड़ी देशों का कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे नहीं आ या है. ओपेक के 12 देश जो फैसला लेने वाले हैं, उसकी वजह से कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है.

वहीं दूसरी ओर जियो पॉलिटिकल टेंशन कम नहीं हुआ है. हूतियों का लाल सागर पर आक्रमण अभी भी जारी है. इजराइल और हमास के बीच की टेंशन कम नहीं हुई है. दूसरी ओर रूस और यूक्रेन वॉर की आग कब ठंडी होगी इसका भी कुछ पता नहीं. इन तमाम फैक्टर्स की वजह से कच्चे तेल के दाम में इजाफा देखने को मिल सकता है. वहीं दूसरी ओर कई बडे देशों का इकोनॉमिक डाटा भी आने वाला है. जिसका मार्केट काफी बेसब्री से इंतजार कर रहा है. जिसका असर भी कच्चे तेल की कीमत में देखने को मिल सकता है. वैसे भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2 मार्च 2024 शनिवार को भी कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. जानकारों की मानें तो लोकसभा चुनाव के बावजूद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों और सरकार की ओर ऐसा कोई संकेत नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सके.

कच्चे तेल की कीमत में 2 फीसदी का इजाफा

शुक्रवार को तेल की कीमतों में 2 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. यह इजाफा ओपेक के फैसले से पहले देखने को मिला है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका,यूरोपीय देश और चीन के इकोनॉमी के आंकड़ें भी आने वाले हैं. ऐसे में कच्चे तेल की कीमत में यह बढ़ोतरी काफी अहम मानी जा रही है. बात ओपेक की करें तो मुमकिन है कि ओपेक अपनी बैठक में अगली तिमाही में भी क्रूड ऑयल प्रोडक्शन के वॉलेंटरी कट में इजाफा कर दें.

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यही वजह है कि खाड़ी देशों का ब्रेंट क्रूड ऑयल 1.64 डॉलर या 2 फीसदी बढ़कर 83.55 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कच्चा तेल यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई 1.71 डॉलर, यानी 2.19 फीसदी बढ़कर 79.97 डॉलर प्रति बैरल हो गया। अनुबंध महीनों में बदलाव के बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल में लगभग 2.4 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जबकि डब्ल्यूटीआई ने 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.

साल के अंत तक जारी रह सकता है प्रोडक्शन कट

लिपो ऑयल एसोसिएट्स के अध्यक्ष एंड्रयू लिपो ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि उम्मीद है कि ओपेक+ 2024 की दूसरी तिमाही में अपने वॉलेंटरी प्रोडक्शन कट को जारी रखेगा. सूत्रों ने कहा है कि ओपेक+ में कटौती बढ़ाने पर मार्च के पहले सप्ताह में फैसला होने की उम्मीद है. उसके बाद अलग-अलग देशों द्वारा भी वॉलेंटरी कट पर ऐलान किया जा सकता है. मौजूदा समय में ओपेक में 12 देश हैं. उसके बाद रूस औार अन्य देशों से मिलकर ओपेक+ बनता है.

कॉमर्जबैंक के विश्लेषक कार्स्टन फ्रिट्च ने रॉयटर्स से कि साल के अंत तक वॉलेंटरी प्रोडक्शन कट जारी रह सकता है. जिसकी वजह से कच्चे तेल की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है. रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ने फरवरी में प्रति दिन 26.42 मिलियन बैरल (बीपीडी) पंप किया, जो जनवरी से 90,000 बीपीडी अधिक है. इस बीच, लाल सागर में जियो पॉलिटिकल टेंशन ने भी शुक्रवार को कीमतों में इजाफा करने में अपना योगदान दिया. अभी इस टेंशन के कम होने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं. जिसकी वजह से कच्चे तेल की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है.

भारत जैसे देशों की बढ़ेगी टेंशन

अगर ओपेक+ प्रोडक्शन कट आगे के लिए और बढ़ाता है तो भारत जैसे देशों के लिए मुसीबत और ज्यादा बढ़ सकती है. भारत समेत दुनिया के कई देश क्रूड ऑयल को 80 से 84 फीसदी और कुछ में इससे भी ज्यादा इंपोर्ट करते है. मौजूदा समय में क्रूड ऑयल की खरीदारी डॉलर में होती है. कच्चे तेल के दाम में इजाफा होगा तो ज्यादा डॉलर देना होगा. इससे ऐसे देशों के इंपोर्ट बिल में तो इजाफा होगा ही साथ लोकल करेंसी को भी नुकसान होगा. इससे देश की इकोनॉमी पर भी नेगेटिव इंपैक्ट देखने को मिलेगा. जिसकी वजह से लोकल ऑयल कंपनियों के लिए मजबूरी में पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा करना पड़ेगा. इससे देश में महंगाई में इजाफा देखने को मिलेगा.

कब से फ्रीज हैं फ्यूल के दाम

वहीं दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. देश के महानगरों में आखिरी बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में 21 मई 2022 के दिन बदलाव देखने को मिला था. उस वक्त देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में टैक्स को कम किया था. उसके बाद कुछ प्रदेशों ने वैट को कम या बढ़ाकर कीमतों को प्रभावित करने का प्रयास किया था. दिलचस्प बात ये है कि जब से देश में इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमत में रोज बदलाव होने की शुरुआत हुई है, तब से यह पहला मौका है जब पेट्रोलियम कंपनियों ने रिकॉर्ड टाइमलाइन के दौरान कोई बदलाव नहीं किया है.

देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत

  1. नई दिल्ली: पेट्रोल रेट: 96.72 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 89.62 रुपए प्रति लीटर
  2. कोलकाता: पेट्रोल रेट: 106.03 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 92.76 रुपए प्रति लीटर
  3. मुंबई: पेट्रोल रेट: 106.31 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 94.27 रुपए प्रति लीटर
  4. चेन्नई: पेट्रोल रेट: 102.63 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 94.24 रुपए प्रति लीटर
  5. बेंगलुरु: पेट्रोल रेट: 101.94 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.89 रुपए प्रति लीटर
  6. चंडीगढ़: पेट्रोल रेट: 96.20 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 84.26 रुपए प्रति लीटर
  7. गुरुग्राम: पेट्रोल रेट: 97.18 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 90.05 रुपए प्रति लीटर
  8. लखनऊ: पेट्रोल रेट: 96.57 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 89.76 रुपए प्रति लीटर
  9. नोएडा: पेट्रोल रेट: 96.79 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 89.96 रुपए प्रति लीटर

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