नेपाल में क्या गिर जाएगी सरकार? गठबंधन सरकार में बस 1 बात पर बढ़ी दूरी | nepal… – भारत संपर्क

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नेपाल में क्या गिर जाएगी सरकार? गठबंधन सरकार में बस 1 बात पर बढ़ी दूरी | nepal… – भारत संपर्क

नेपाल में पहले ही से एक कमजोर सरकार सत्ता में है. कमजोर इसलिए क्योंकि गठबंधन की सरकार है और थोड़ा बहुत भी ऊपर-नीचे हुआ तो समझिए सरकार गिरी. ऐसी परिस्थिति में नेपाल की नेशनल असेंबली की अध्यक्षता को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में रार मच गई है.

नेपाल में फिलहाल माओवादी सेंटर और नेपाली कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है और नेशनल असेंबली के चेयरमैन वाले सवाल पर देश की दोनों बड़ी पार्टियों के बीच दूरी बढ़ने लगी है और गठबंधन सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

नेपाल के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

बुधवार को नेपाल की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी में से एक माओवादी सेंटर की स्थायी समिति की बैठक हुई. बैठक के बाद माओवादी सेंटर ने ऐलान कर दिया कि वे नेशनल असेंबली के अध्यक्ष पद का चुनाव लडे़ेंगे.

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समस्या इसलिए खड़ी हो गई क्योंकि इससे पहले माओवादी सेंटर के चेयरमैन और देश के मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड ये साफ कर चुके थे कि उनकी पार्टी देश के उच्च सदन यानी नेशनल असेंबली के अध्यक्ष पद पर नेपाली कांग्रेस के प्रत्याशी का समर्थन करेगी पर अब यह मामला बिगड़ता नजर आ रहा है.

नेपाल के प्रधानमंत्री ने भी अब इस हवाले से कुछ नए घटनाक्रम की बात की है और कहा है कि हमारी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने का फैसला किया है. दहल ने कोशी क्षेत्र में नेशनल असेंबली की एक सीट गंवाने का ठीकरा भी नेपाली कांग्रेस पर फोड़ा है और कहा है कि हमारे काडर का भी गठबंधन से इतर राजनीति करने का दबाव है.

नेपाली कांग्रेस ने बिगाड़ा मामला?

इस हालिया घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में नेपाली कांग्रेस पार्टी की एक बैठक बताई जा रही है. नेपाली कांग्रेस ने अभी हाल ही में एक ‘महा समिति’ नाम से एक बैठक बुलाई थी. ध्यान दिया जाना चाहिए कि नेपाली कांग्रेस देश की वाहिद सबसे बड़ी पॉलिटिकल पार्टी है.

19 फरवरी को नेपाली कांग्रेस की जो बैठक हुई, उसमें पार्टी के भीतर मांग उठी कि हमें गठबंधन के नेतृत्व में अगले चुनाव में नहीं जाना चाहिए. 2026 में नेपाल में अगला चुनाव प्रस्तावित है. गठबंधन के खिलाफ नेपाली कांग्रेस की ये आवाज जाहिरन माओवादी सेंटर को रास नहीं आई और उन्होंने एक समानांतर लाइन ले ली.

पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने साफ तौर पर कहा है कि जब अभी चुनाव दूर हैं तो इस तरह की बात कहने की नेपाली कांग्रेस को क्या जरुरत थी. लिहाजा, इससे गठबंधन पर सवाल उठे हैं. इस तरह नेपाली कांग्रेस और माओवादी सेंटर में बढ़ती दूरी नेपाल को अस्थिरता के मोड़ पर धकेल सकती है.

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