क्या मोदी 3.0 में भी सरकार का रहेगा ईवी इंडस्ट्री पर फोकस?…- भारत संपर्क
नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में वापस आने के साथ ही ऑटो इंडस्ट्री के अंदर अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. बता दें कि मोदी 2.0 शासन (2014-2019) ने FAME 2 (31 मार्च तक वैध), EV मैन्युफैक्चरिंग नीति, प्रोडक्शन-लिंक्ड इनिशिएटिव (PLI) योजनाओं (ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए 18,100 करोड़ रुपए और बैटरी के लिए 26,000 करोड़ रुपए) जैसी नीतियों को लागू करके बैटरी बेस्ड वाहनों के लिए एक बेस तैयार किया है.
इंडस्ट्री को है ये उम्मीद
इंडस्ट्री को उम्मीद है कि FAME-III इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और सरकारी स्वामित्व वाली बसों की खरीद के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगा. हालांकि, संशोधित FAME नीति में टैक्सी एग्रीगेटर्स जैसे संस्थागत खरीदारों द्वारा खरीदी गई इलेक्ट्रिक कारों को शामिल करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नई योजना की अवधि दो साल होगी, जो FAME 2 में निर्धारित पांच साल से कम है.
अब इलेक्ट्रिक ट्रक को मिलेगा बढ़ावा
एक मीडिया बातचीत में ओमेगा सेकी मोबिलिटी (OSM) के अध्यक्ष उदय नारंग ने कहा कि हम इलेक्ट्रिक ट्रकों की ओर एक शानदार कदम देख रहे हैं और हमें लगता है कि 1-टन, 3-टन और 0.5-टन ट्रक सबसे आगे हैं. हम इस पर काम कर रहे हैं और हम इस वित्तीय वर्ष में अधिक से अधिक ई-ट्रक लाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार को नीतियां बनानी चाहिए और साथ ही निकट भविष्य में फेम 3 पर और भी सकारात्मक खबरें आनी चाहिए. मुझे लगता है कि कई और राज्य सरकारें भी इस आंदोलन का समर्थन कर रही हैं.
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ईवी शेयर में बंपर उछाल बाकी
एसएंडपी मोबिलिटी के डायरेक्टर पुनीत गुप्ता ने एक मीडिया बातचीत में कहा कि भारत में ईवी के शेयर बढ़ रहे हैं, लेकिन कछुए की गति से. हालांकि, मोदी सरकार के फिर से सत्ता में आने और सभी नीतियों के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के साथ, वाहन निर्माताओं को अपनी इलेक्ट्रिक वाहन योजना को आगे बढ़ाना पड़ सकता है, क्योंकि यह सरकार महत्वाकांक्षी है और अपने 3.0 कार्यकाल में असंभव को संभव बनाना चाहती है.