क्या मालदीव के राष्ट्रपति को पद से हटा पाएगा विपक्ष? जानें क्या है संसद का नंबर गेम |…
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी है.
मालदीव में विपक्षी दल राष्ट्रपति मोहम्म्द मुइज्जू को कुर्सी से हटाने की तैयारी में है. विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और द डेमोग्रेटिक ने महाभियोग प्रस्ताव के जरिए मुइज्जू को हटाने का फैसला लिया है. पार्टी अब सांसदों को जुटा रही है. मुइज्जू की कुर्सी खतरे में है. हाल में संसद में हुई झड़प और महाभियोग को लेकर चीन समेत कई देशों की नजर मालदीव के राजनीतिक घटनाक्रम पर बनी हुई है.
ऐसे में सवाल है कि वर्तमान में जो हालात हैं उसे देखते हुए क्या विपक्ष मोइज्जू को राष्ट्रपति की कुर्सी से हटा पाएगा? क्या विपक्षी दलों के पास पर्याप्त सांसदों की संख्या है? मालदीव में महाभियोग प्रस्ताव से राष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया क्या है? जानिए, इन सवालों के जवाब.
आंकड़ों का गणित… विपक्ष के पास कितनी पावर?
संसद की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी MDP दूसरे दल डेमोक्रेट के साथ मिलकर साझेदारी से मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला रह रही है. मालदीव की संसद को पीपुल्स मजलिस कहते हैं. 2019 में यहां की संसद में सदस्यों की संख्या 87 हुआ करती थी, लेकिन बाद में इसमें बदलाव हुआ और संख्या घटकर 80 कर दी गई है.
ये भी पढ़ें
अब गुणा-गणित को समझ लेते हैं. महभियोग लाने वाली विपक्षी पार्टी MDP के पास 43 सांसद और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की द डेमोक्रेट के पास 13 सांसद हैं. इस तरह दोनों को मिलाकर उनके पास कुल 56 सांसद हैं.
मालदीव का संविधान कहता है, राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए दो-तिहाई संख्या यानी 54 सांसदों की जरूरत है. दोनों विपक्षी दलों का दावा है कि उनके पास 56 सदस्य हैं जो पर्याप्त संख्या है.
कहानी में ट्विस्ट
इस बीच मालदीव न्यूज पोर्टल अवास ने दावा किया है कि एमडीपी के 12 सांसद सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) में शामिल हो गए हैं. नतीजा अब इनके पास 44 सांसद रह गए हैं. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में पीएनसी के स्पीकर मोहम्मद असलम ने दावा किया गया है कि एमडीपी के 13 सांसद हमारी पार्टी की सदस्यता ले चुके हैं.
ऐसे में सवाल है कि विपक्ष मुइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस में गए अपने सांसदों का विश्वास जीतकर उन्हें वापस ला पाएगा. अगर ऐसा होता है तो मुइज्जू को राष्ट्रपति की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी.
बड़ा सवाल यह भी है कि विपक्षी पार्टी जितने सांसदों का दावा कर रही है क्या वो महाभियोग की मुख्य प्रक्रिया के दौरान मुइज्जू के खिलाफ वोटिंग करेंगे या नहीं, यह देखना भी दिलचस्प होगा.
कैसे लाया जाता है महाभियोग प्रस्ताव?
मालदीव में राष्ट्रपति के खिलाफ लाया जाने वाला महाभियोग प्रस्ताव स्पीकर के सामने पेश किया जाएगा.इसके लिए प्रस्ताव लाने वाले विपक्ष दलों को दो दिन पहले नोटिस देना होगा. नोटिस के समय विपक्ष के साथ एक तिहाई सांसदों का सपोर्ट होना जरूरी है.
स्पीकर को महाभियोग मिलने के 14 दिन बाद बहस होती है, इस दौरान सांसदों की मौजूदगी जरूरी होती है. जिसके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है उसे 3 घंटे की कुल बहस के बीच 30 मिनट अपना पक्ष रखने के लिए दिए जाते हैं. इसके बाद वोटिंग होती है. वोटिंग में दो तिहाई सांसदों का होना जरूरी है.वोटिंग का मामला 7 मेम्बर्स की कमेटी को भेजा जाता है. इसके बाद मुहर लगती है.
यह भी पढ़ें: पूर्णिया का महात्मा गांधी से कनेक्शन, राहुल ने इसे क्यों चुना?