क्या डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ कहर से Apple को बचा पाएंगे टिमकुक, यहां समझिए पूरी… – भारत संपर्क
डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर हाल में टैरिफ लगाया है. जिसकी वजह से एपल की प्रॉफिटेबिलिटी खतरे में पड़ गई है. एक बार पहले 2019 में इसी तरह के टैरिफ से बचने लिए कुक और ट्रम्प के बीच चर्चा हुई थी. मेक्सिको, कनाडा और चीन जवाबी कार्रवाई की प्लानिंग कर रहे हैं. इससे बिक्री पर असर पड़ सकता है. डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान चीन के टैरिफ से बचने के छह साल बाद अब एपल के सीईओ टिम कुक फिर से चीन के टैरिफ का सामना कर रहे हैं.
ट्रम्प ने इन देशों पर लटकाई टैरिफ की तलवार
राष्ट्रपति ट्रम्प ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाया है, जिसके बारे में उनका कहना है कि इसका मकसद उन्हें फेंटेनाइल, एक नशे की लत सिंथेटिक ओपिओइड को अमेरिका में एंट्री करने से रोकने के लिए और ज्यादा इस पर ध्यान देने के लिए है. अब तक, इसने हर देश को संभावित जवाबी कार्रवाई का ऐलान करने के लिए बढ़वा दिया है. इसमें मेक्सिको और कनाडा ने जवाबी कार्रवाई का वादा किया है.
अब देखना ये होगा कि क्या टिम कुक एपल को टैरिफ से बचा पाते हैं या नहीं. साल 2019 में टिमकुक, ट्रम्प के चीन टैरिफ के साथ सफल रहे थे.
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पिछले पांच सालों में, एपल ने अमेरिका में iPhone की कीमतें नहीं बढ़ाई हैं. कंपनी ने साल 2023 में केवल प्रो मैक्स मॉडल पर $100 (करीब 8,707 रुपये) की बढ़ोतरी की थी.
टिम कुक का क्या होगा अगला कदम?
पिछली बार जब चीन पर ट्रम्प के टैरिफ लगे थे, तो एपल ने iPhone और MacBooks को इससे बचा लिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुक ने ट्रम्प के साथ पिछली मीटिंग में दक्षिण कोरिया के सैमसंग के साथ कंपटीशन का हवाला दिया था. लेकिन अब ये देखना होगा कि क्या कुक 2025 में ट्रम्प के सामने क्या नया रख पाते हैं.
क्या है ट्रंप का नया टैरिफ ऑर्डर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 फरवरी को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए हैं. इसमें कनाडा और मेक्सिको से इंपोर्ट किए प्रोडक्ट्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया. कनाडा से आने वाले एनर्जी रिसोर्सेस पर 10 प्रतिशत टैरिफ रखा गया. चीन से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया.
ट्रंप के ऑर्डर पर चीन का जवाब
चीन ने अमेरिकी टैरिफ को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियमों का उल्लंघन करार दिया और इस पर मुकदमा दायर करने की घोषणा की है. चाइनीज मिनिस्ट्री कॉमर्स ने कहा कि अमेरिका का ये कदम अनुचित और गैरकानूनी है. इससे चीन-अमेरिका के बिजनेस रिलेशन को काफी नुकसान पहुंचेगा. चीन अपने हितों की रक्षा के लिए कदम उठाएगा.