क्या पुतिन की जाल में फंस गए ट्रंप? अब जेलेंस्की के लिए पड़ेगा भारी, अलास्का में… – भारत संपर्क

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क्या पुतिन की जाल में फंस गए ट्रंप? अब जेलेंस्की के लिए पड़ेगा भारी, अलास्का में… – भारत संपर्क
क्या पुतिन की जाल में फंस गए ट्रंप? अब जेलेंस्की के लिए पड़ेगा भारी, अलास्का में मीटिंग की Inside Story

जेलेंस्की, ट्रंप और पुतिन.

अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच जो वार्ता हुई, उसमें पुतिन की जीत हुई. दुनिया इस मुलाकात का नायक पुतिन को ही मान रही है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है ये है कि ट्रंप को पुतिन की करीब-करीब हर बात माननी पड़ी. 5 घंटे के अलास्का दौरे के दौरान पुतिन का पावर शो दिखा. पुतिन ने अपनी वार्ता चाल में ट्रंप को इस तरह फंसा लिया है कि अब उन्होंने पुतिन के लिए खुलकर बैटिंग करनी शुरू कर दी है. अब सवाल यही है कि अगर ट्रंप पुतिन के साथ आ गए हैं, तो युद्ध का परिणाम क्या होगा?

मुलाकात के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मैं और राष्ट्रपति ट्रंप सीधे संपर्क में रहे हैं. हमने कई बार बात की है. अगर तब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो युद्ध नहीं होता. वहीं ट्रंप ने माना कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरे संबंध हमेशा शानदार रहे हैं. हम दोनों की मुलाकात शानदार रही. हम दोनों कई मुद्दों पर सहमत हुए.

और इस तरह अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की वार्ता जाल में फंस गए. पुतिन का प्लान सफल हुआ. उन्होंने ट्रंप को अपने पक्ष में ले लिया. मॉस्को में अगली मुलाकात भी मुकर्रर हो गई.

पुतिन की चाल में फंसे ट्रंप

पुतिन ने अपनी कूटनीति से न सिर्फ ट्रंप को अपने साइड ले लिया, बल्कि यूक्रेन के भूभाग पर कब्जा करने के लिए पर्याप्त समय भी प्राप्त कर लिया. ट्रंप के बुलावे पर पुतिन अलास्का पहुंचे. ट्रंप से मिले. ऐतिहासिक मुलाकात के साथ ही शांति वार्ता शुरू हो गई है. ऐसे में अब ट्रंप रूस पर न तो नई पाबंदी लगाएंगे न ही सख्ती बरतेंगे. पुतिन और उनकी सेना को वक्त मिल गया है. अब पुतिन इसका फायदा उठाते हुए यूक्रेन में अपना कब्जा अभियान तेज कर सकते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि शांति संधि से पहले एक ऐसा युद्ध छिड़ सकता है, जो यूक्रेन के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है.

ट्रंप ने वार्ता के बाद ऐलान भी किया है कि वो फिलहाल न तो रूस और न ही रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर कोई कार्रवाई करेंगे. 2 से 3 हफ्तो तक ट्रंप कोई एक्शन नहीं लेंगे. पुतिन के लिए यही जीत मानी जा रही है. सबसे बड़ी बात ये रही कि पुतिन ने अपनी हर एक बात पर राजी कर लिया पुतिन को सीजफायर नहीं चाहिए, बल्कि स्थाई शांति संधि चाहिए। ट्रंप इसके लिए भी तैयार हो गए.

पुतिन-ट्रंप की बैठक में क्या-क्या हुआ?

  • पुतिन सीजफायर नहीं, स्थायी समाधान चाहते हैं.
  • पुतिन ने ट्रंप से स्थायी हल निकालने को कहा है.
  • पुतिन यूक्रेन से स्थायी शांति संधि करना चाहते हैं.
  • ट्रंप ने पुतिन की बात मानी, वो भी संधि के पक्ष में हैं.
  • पुतिन और ट्रंप शांति संधि का मसौदा बनाने पर राजी.
  • स्थायी शांति संधि के मसौदे पर बातचीत को तैयार.

साफ है कि जब तक स्थाई शांति संधि नहीं होती है, तब तक सीजफायर नहीं होगा और अगर सीजफायर नहीं होगा, तो रूस के हमले रुकने के बजाय तेज होते जाएंगे. रूसी फौज यूक्रेन की जमीनों पर कब्जा करती जाएगी. पुतिन ने ट्रंप के सामने ही कहा कि रूस की सभी चिंताओं यानी सभी शर्तों पर विचार करने होगा. इसका मतलब ये हुआ कि स्थाई शांति संधि तभी होगी, जब रूस की सभी शर्तें मानी जाएंगी.

अगर शर्तें नहीं मानी जाएंगी, स्थाई शांति संधि नहीं हुई, तो विनाश का क्षेत्रफल बढ़ जाएगा यानी पुतिन ने एक ही चाल से यूक्रेन को बिना बेरोकटोक तबाह करने और कब्जा करने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया है.

रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तेज

दूसरी ओर, रूस को ट्रंप का साथ मिला. यूक्रेन दहन का लाइसेंस मिला, तो युद्धभूमि में रूसी फौज का बारूदी एक्शन शुरू हो गया. लीमन में भीषण हमला कर रूस ने यूक्रेन की सैन्य टुकड़ी को खत्म कर दिया. कुपियांस्क में रूसी हमले में यूक्रेन के 7 हथियार बर्बाद हो गए. रूसी सेना ने डोनेस्क में 7 और इलाकों पर कब्जा कर लिया है. निप्रो के एक शहर पर भी रूसी सेना ने विजय परचम फहरा दिया है. खारकीव में रूस ने यूक्रेन के कमांड पोस्ट को तबाह कर दिया. रूस के हमले में 24 घंटे के अंदर यूक्रेन के 1310 सैनिक मारे गए.

रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी सेना ने यूक्रेन में अब जबरदस्त हमले की तैयारी कर ली है. माना जा रहा है कि ये हमला आधी रात हो सकता है. इसके लिए रूसी सेना ने कई फ्रंट पर तैनाती कर दी है.

हमले से बौखलाई यूक्रेनी सेना, किया पलटवार

अलास्का वार्ता के परिणाम और रूसी सेना के जबरदस्त हमले से जेलेंस्की और उनकी फोर्स बुरी तरह से बौखला गई है. अलास्का में पुतिन की जीत हुई, जेलेंस्की की हार हुई तो भड़की यूक्रेनी सेना ने रूस की धरती पर विस्फोट करना शुरू कर दिया. -यूक्रेनी सेना ने एक साथ रूस के 8 प्रांतों में ड्रोन से विस्फोेट किया. धमाके की वजह से कई कारें जल गईं. शक है कि धमाका यूक्रेन के ड्रोन हमले की वजह से हुआ.

यूक्रेन के हमले की वजह से रियाजान में रूस की हथियार फैक्ट्री जल गई. हमले में 11 लोग मारे गए. 130 लोग घायल हैं. बेलगोरोद में यूक्रेनी फोर्स ने रूसी सेना के ठिकाने को ध्वस्त कर दिया. वोल्गोग्राद में रूस का हथियार गोदाम तबाह हो गया. यूक्रेन के ड्रोन विस्फोट की वजह से रोस्तोव में कई इमारतें तबाह हो गईं. कुर्स्क में यूक्रेन ने रूस के रडार स्टेशन को जलाकर भस्म कर दिया. अस्त्राखान में यूक्रेन ने सीरियल विस्फोट किया. कई इमारतों में आग लग गई. ग्रोज्नी में यूक्रेन ने हमला कर रूस के दो सैन्य वाहन को जला दिया.

रूस में यूक्रेन के ये हमले जेलेंस्की के बौखलाहट का परिणाम हैं, क्योंकि यूक्रेन को पता है कि अब उसके पास सरेंडर के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. अगर जेलेंस्की सरेंडर नहीं करेंगे, अगर स्थाई शांति संधि पर दस्तखत नहीं करेंगे, तो रूस को यूक्रेन के बड़े भूभाग पर कब्जा करने का मौका मिल जाएगा.

ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी9 भारतवर्ष

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