बिहार के फर्जी नर्सिंग होम में महिला की मौत, फिर लगी जान की कीमत… 3.51…
रूपौली मिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत
बिहार के पूर्णिया की तरह अब रूपौली में भी फर्जी नर्सिंग होम खुल गए हैं. ऐसे ही एक फर्जी नर्सिंग होम में गुरुवार 16 जनवरी को इलाज के दौरान एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई. मरीज के मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामा को बढ़ता देख, डॉक्टर और कंपाउंडर पीछे की गेट से फरार हो गए.
मामला रुपौली के मेही नगर स्थित मिम्स हॉस्पिटल का है, जिसके संचालक डॉ.धर्मवीर कुमार है.जानकारी के मुताबिक रूपौली बस्ती का रहने वाला बबलू पासवान अपनी पत्नी किरण देवी को प्रसव पीड़ा होने पर रुपौली रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया था, जहाँ स्थिति गंभीर देखते हुए उसे पूर्णिया रेफर कर दिया गया था. हालांकि मिम्स हॉस्पिटल के दलालों ने महिला को अपने अस्पताल ले आया,जहां उसका सीजर ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के दौरान ही महिला की मौत हो गई
पुलिस में बिना रिपोर्ट किए कर दिया दाह संस्कार
मरीज के मौत के बाद हॉस्पिटल संचालक धर्मवीर कुमार अपने तथाकथित समाजसेवियों को भेजकर मरीज के परिजन को मनाने का भरपूर प्रयास किया. हालांकि परिजन दोषियों पर कार्यवाई की मांग पर अड़े रहे. वहीं मृतका के परिजनों के बीच लगभग 6 घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा, लेकिन अंततः जीत नर्सिंग होम के संचालक की ही हुई. स्थानीय नेता व दबंगो ने परिजनों को यह कह कर समझौते के लिए राजी कर लिया कि तुम लोग गरीब आदमी हो डॉक्टर का क्या बिगाड़ लोगे? ऊपर से नीचे तक सब रुपये पर मैनेज हो जाएगा.आखिर लड़ने से तुमको क्या मिलेगा. थक हार कर मृतक के परिजन स्थानीय लोगों के झांसे में आकर समझौता पत्र पर हस्ताक्षर 3 लाख 51 हजार लेकर कर दिया.वहीं पुलिस में बिना रिपोर्ट किए परिजनों ने शव का दाह संस्कार कर दिया.
जान की कीमत 3 लाख 51 हजार
मिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान 35 वर्षीय महादलित महिला की जान की कीमत 3 लाख 51 हजार लगा कर पंचायत ने नर्सिंग होम के संचालक को क्लीन चिट दे दिया. पंचायत में तय हुआ कि मृतका किरण देवी को पांच बच्चे हैं.वहीं एक नवजात भवानीपुर बेबी केयर वार्ड में बुधवार की देर रात जन्म के बाद से जिंदगी और मौत से जूझ रहा है . ऐसे में मां के मौत के बाद इन बच्चों के परवरिश के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है, जिसके लिए नर्सिंग होम संचालक ने दो लाख और एक लाख 26 हजार और 25 हजार दाह संस्कार के लिए दिए.समझौता पत्र पर पंचों ने मृतिका किरण देवी की बड़ी बेटी (19वर्षीय) जुली कुमारी से हस्ताक्षर करवा लिया. साथ ही गवाह के तौर पर मृतका के भाई बबलू पासवान से भी हस्ताक्षर करवा लिए गए है. पंचों के इस फरमान से लोगों के बीच काफी नाराजगी देखी जा रही है.
सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग आया हरकत में
रूपौली के मिम्स हॉस्पिटल में एक प्रसव पीड़िता की मौत की खबर पूरे क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. मामले के बावत रूपौली रेफ़रल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीरज कुमार ने डॉ के के शर्मा के नेतृत्व में बी एच एम रंजीत कुमार चौधरी ,बी सी एम कुंदन कुमार और एच एम सलीमा खातून की टीम बना कर को पूरे मामले की जांच के लिए नर्सिंग होम भेजा, जहाँ जांच टीम के पहुचतें ही नर्सिंग होम के सभी कर्मी फरार हो गए.मामले को मैनेज करने के लिए डोभा इस्लामपुर के एक आशा कर्मी के पति को छोड़ दिया गया.उक्त आशा कर्मी के पति का नर्सिंग होम के संचालन में अहम भूमिका बताया जाता है . जानकारी के मुताबिक जैसे ही जांच टीम पहुंची उक्त आशा कर्मी का पति ने कहा कि संचालक नहीं है. ऐसे में आप लोग जाइए बाद में मैं उन्हें लेकर आपके पास आता हूं.