इनकम टैक्स भरते समय नहीं मिलेगा 80C का फायदा, अगर चेक नहीं…- भारत संपर्क
Income Tax से गायब हो सकता है 80सी का फायदा
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख धीरे-धीरे नजदीक आ रही है. ऐसे में आपको कई बातों को समय-समय पर जान लेना चाहिए, जो टैक्स बचाने में मदद करें. जैसे आयकर कानून की धारा-80सी के तहत LIC, Post Office और अन्य स्मॉल सेविंग्स में निवेश करने पर ओल्ड टैक्स रिजीम में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हें कि आपके पीएफ अकाउंट का स्टेटस आपके इस फायदे को गायब कर सकता है.
जी हां, आपकी सैलरी से जो पैसा पीएफ (प्रोविडेंट फंड) के तौर पर कटता है, वो ईपीएफ (एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड) अकाउंट में जमा होता है. ये पैसा आपकी 80सी की लिमिट का भी हिस्सा होता है, लेकिन आपके ईपीएफ अकाउंट का स्टेटस तय करता है कि आपको पीएफ में किए गए योगदान पर 80सी की छूट मिलेगी या नहीं.
EPFO या Trust कौन मैनेज करता है आपका पैसा?
भारत में हर कंपनी के एम्प्लॉइज का पीएफ का पैसा जरूरी नहीं कि एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) ही करे. देश में कई कंपनियां ऐसी भी हैं, जो अपना पैसा एक ट्रस्ट के माध्यम से खुद मैनेज करती हैं. ऐसे में ये देखना जरूरी होता है कि आपकी कंपनी के पीएफ ट्रस्ट को 80सी के तहत मिलने वाली ‘छूट’ की कैटेगरी में रखा गया है या नहीं.
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अगर आपका पैसा ऐसे पीएफ ट्रस्ट में जमा हो रहा है, जो ‘छूट’ की कैटेगरी में आता है, तब एक सैलरीड एम्प्लॉई अपने कंट्रीब्यूशन पर 80सी के तहत इनकम टैक्स छूट क्लेम कर सकता है, जबकि एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन पर टैक्स नहीं लगता है. अगर आपकी कंपनी का पीएफ ट्रस्ट ‘छूट’ के दायरे में नहीं आए, तब क्या होगा?
गायब हो जाएगी आपकी 80सी की छूट
मान लीजिए आपकी कंपनी या एम्प्लॉयर का पीएफ ट्रस्ट आयकर छूट के दायरे में नहीं आता है, तब क्या होगा? इस तरह के ट्रस्ट में पैसा जमा होने पर ईपीएफ में आपके योगदान पर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट का फायदा आपको नहीं मिलता है, और पीएफ कंट्रीब्यूशन पर टैक्स देना होता है. हालांकि आपको 80सी के तहत की गई अन्य बचत पर टैक्स छूट पूरी मिलती है.
आपकी कंपनी के पीएफ ट्रस्ट का स्टेटस क्या है, इसकी जानकारी आपको कंपनी के एचआर से बड़े आराम से मिल जाएगी.