बांग्लादेश के यूनुस का नया दांव, पाकिस्तान के बाद अब इस मुस्लिम देश की गोद में बैठने… – भारत संपर्क


मोहम्मद यूनुस.Image Credit source: facebook
बांग्लादेश लगातार मुस्लिम देशों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्य सलाहकार मोहम्मद सऊदी और UAE के साथ तो संबंध गहरे कर रहे हैं, साथ-साथ पाकिस्तान से व्यापारिक सहयोग के अलावा सैन्य सहयोग भी बढ़ा रहे हैं. अब उनकी नजर एक और मुस्लिम देश पर हैं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस सोमवार को कुआलालंपुर के लिए रवाना होंगे.
साथ ही कहा गया है कि यह यात्रा मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के निमंत्रण पर हो रही है. बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक अनवर इब्राहिम 2006 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता यूनुस के लंबे समय से मित्र और बांग्लादेश के प्रबल समर्थक हैं.
खबरों के मुताबिक बांग्लादेश और मलेशिया मंगलवार को पुत्रजया में उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे, जिसका मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और व्यापार, निवेश साथ ही श्रम सहयोग सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है.
मलेशिया से क्या चाहते हैं यूनुस?
बांग्लादेश ट्रब्यून ने एक अधिकारी के हवाला से बताया कि इस यात्रा में बांग्लादेशी कामगारों की पारदर्शी भर्ती, ऊर्जा, व्यापार, उच्च शिक्षा, हलाल खाद्य उत्पादन, अर्थव्यवस्था और रोहिंग्या संकट के समाधान जैसे क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इस दौरान MoU और नोटों के रूप में कई सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.
इस यात्रा यूनुस अकेले नहीं जा रहे हैं, उनके साथ एक बड़ा डेलिगेशन जा रहा है. जिससे समझा जा सकता है कि ये यात्रा कितने अहम हैं. इस यात्रा में विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन, प्रवासी कल्याण एवं प्रवासी रोजगार सलाहकार डॉ. आसिफ नज़रुल, ऊर्जा सलाहकार फ़ौजुल कबीर खान और बांग्लादेश निवेश विकास प्राधिकरण (BD) के कार्यकारी अध्यक्ष चौधरी आशिक महमूद बिन हारून भी मौजूद रहेंगे. इस यात्रा में द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा कई अन्य बैठकें भी होंगी.
मलेशियाई प्रधानमंत्री कर चुके हैं बांग्लादेश का दौरा
बता दें कि बांग्लादेश के सत्ता परिवर्तन के दो महीने बाद ही अक्टूबर में मलेशियाई प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश की आधिकारिक यात्रा की थी, जो अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद किसी भी देश के अध्यक्ष की पहली यात्रा थी. उनके साथ 58 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी थे, जिसमें मंत्री, उप-मंत्री, संसद सदस्य और वरिष्ठ मलेशियाई अधिकारी शामिल थे.