कभी ये कंपनी खरीदना चाहती जुकरबर्ग का फेसबुक, खोल दी थी…- भारत संपर्क

0
कभी ये कंपनी खरीदना चाहती जुकरबर्ग का फेसबुक, खोल दी थी…- भारत संपर्क
कभी ये कंपनी खरीदना चाहती जुकरबर्ग का फेसबुक, खोल दी थी तिजोरियां

फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग

इस वर्ष मेटा यानी फेसबुक को शुरू हुए 20 साल पूरे हो गए हैं. इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की शुरूआत मार्क जुकरबर्ग ने अपने को-फाउंडर्स एडुआर्डो सेवरिन, एंड्रयू मैक्कलम, डस्टिन मोस्कोविट्ज़ और क्रिस ह्यूजेस के साथ मिलकर की थी. इन दो दशकों में, मेटा 1.2 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है (जो कि इसकी वर्तमान मार्केट कैप है). लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब याहू ने फेसबुक को खरीदने का प्रयास किया था! हां, आपने सही पढ़ा. आइए हम बताते हैं कि वास्तव में क्या हुआ था.

18 साल पहले याहू ने दिया था ऑफर

याहू ने साल 2006 में फेसबुक को खरीदने के लिए 1 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, जुकरबर्ग ने अंततः एक बैठक में यह कहकर याहू के ऑफर को ठुकरा दिया. जुकरबर्ग का तर्क यह था कि फेसबुक बहुत सारी चीजें बनाने जा रहा है, और वह उन प्रोडक्ट्स को बनाने का मौका चाहता था. और याहू को फ्यूचर को लेकर कोई निश्चित जानकारी नहीं थी.

मार्क जुकरबर्ग का मानना था कि कोई भी कंपनी उन चीजों की सही वैल्यू नहीं दे सकता है जो अस्तित्व में ना हो. जो हम आगे के लिए करने जा रहे थे उसके बारें में याहू को ना के बराबर जानकारी थी. जिसकी वजह से याहू ने जो फेसबुक की वैल्यूएशन लगाई थी वो काफी कम थी. जिसकी वजह से जुकरबर्ग ने एक बिलियन डॉलर का ऑफर ठुकरा दिया.

ये भी पढ़ें

इससे पहले फेसबुक के शुरुआती फेज 2005-06 में ही, मार्क जुकरबर्ग और माइस्पेस के सीईओ क्रिस डेवॉल्फ, फेसबुक के अधिग्रहण के संबंध में बातचीत कर रहे थे. उस समय में जुकरबर्ग ने 75 मिलियन डॉलर की डिमांड की थी, तब डेवॉल्फ पीछे हट गए थे. उसके बाद 2006 की शुरुआत में, वायाकॉम ने फेसबुक को 750 मिलियन डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया. हालांकि, जुकरबर्ग ने कीमत बढ़ाकर 2 बिलियन डॉलर कर दी और वायाकॉम भी पीछे हट गया.

जब फेसबुक खरीदने चला था ट्विटर

फेसबुक द्वारा याहू केे ऑफर को ठुकराने के कुछ साल बाद, ट्विटर ने जुकरबर्ग की सोशल मीडिया दिग्गज के साथ भी कुछ ऐसा ही किया. 2008 में जैसे ही ट्विटर का यूजर बेस बढ़ा, फेसबुक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का अधिग्रहण करने का अवसर तलाश लिया. हालांकि, ट्विटर ने कथित तौर पर दो कारणों से फेसबुक के ऑफर को ठुकरा दिया. सबसे पहले, ट्विटर कैश चाहता था, और फेसबुक का ऑफर स्टॉक था. दूसरा, ट्विटर रेवेन्यू मॉडल को लेकर काफी आशावादी था जिसे छुपाया जाएगा और बाद में 2009 में जारी किया जाएगा. ट्विटर ने इन दो कारकों के कारण फेसबुक के 2008 के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.

स्नैपचैट ने भी ठुकराया था ऑफर

नवंबर 2013 में, स्नैपचैट ने दस साल पहले फेसबुक के 3 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपाेर्ट के अनुसार ऑल कैश ऑफर के समय अन्य निवेशकों ने दो साल पुरानी, घाटे में चल रही कंपनी की वैल्यू 4 बिलियन डॉलर से अधिक आंकी गई थी. रिपोर्टों के अनुसार, स्नैपचैट के को-फाउंडर इवान स्पीगल ने 2014 की शुरुआत तक किसी भी ऑफर को इसलिए एक्सेप्ट नहीं किया क्योंकि उन्हें विश्वास था कि कंपनी की ग्रोथ में इजाफा होने के साथ वैल्यूएशन में बढोतरी होगी. साथ ही, यह फेसबुक का प्राइमरी ऑफर नहीं था. कथित तौर पर उस वर्ष की शुरुआत में उसने स्नैपचैट के लिए 1 बिलियन डॉलर के ऑफर को रिजेक्ट कर दिया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

‘राजा ने मेरे मुंह पर गुटखा थूका, पेशाब भी पिलाने लगा था…’, आदिवासी युवक … – भारत संपर्क| Sarangarh News: हत्या का प्रयास और डकैती:  पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 7 आरोपी गिरफ्तार – भारत संपर्क न्यूज़ …| SSC CGL Exam 2025: एसएससी सीजीएल के 14582 पदों के लिए फटाफट करें अप्लाई, बस आजभर…| बस्तर से सरगुजा तक डिजिटल क्रांति का विस्तार, 5000 मोबाइल टावर का लक्ष्य तय – भारत संपर्क न्यूज़ …| Viral Video: खेल दिखाकर जाजूगरनी बन रही थी बेटी, सामने से पापा ने ऐसे किया खेल खत्म