Explainer: क्या RBI के 2.1 लाख करोड़ से इकोनॉमी होगी बूस्ट,…- भारत संपर्क

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Explainer: क्या RBI के 2.1 लाख करोड़ से इकोनॉमी होगी बूस्ट,…- भारत संपर्क
Explainer: क्या RBI के 2.1 लाख करोड़ से इकोनॉमी होगी बूस्ट, नई सरकार को ऐसे मिलेगी मजबूती

RBI का डिविडेंड देगा नई सरकार को मजबूती

देश के बैंकों का बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड देने जा रहा है. चुनाव के बाद देश में नई सरकार को आते ही ये तोहफा मिलेगा. जुलाई में जब बजट पेश होगा, तब सरकार के खाते में एकदम से 2.1 लाख करोड़ की रकम क्रेडिट होगी, इस तरह देखा जाए तो नई सरकार को आते ही मजबूती मिलेगी. अब ये रकम इकोनॉमी को बूस्ट कैसे करेगी?

आरबीआई ने सरकार के लिए जो डिविडेंड घोषित किया है, वह वित्त वर्ष 2022-23 के डिविडेंड से लगभग दोगुना है. वहीं सरकार ने अपने अंतरिम बजट में आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों से आय का 1.02 लाख करोड़ रुपए का जो अनुमान रखा था, ये उससे भी दोगुना है. ऐसे में एक तरह से देखा जाए, तो सरकार की आय पहले ही इन कैटेगरी में दोगुनी हो चुकी है.

आखिर RBI ने कैसे की इतनी कमाई?

अब सवाल ये है कि पिछले साल ऐसा क्या हुआ कि आरबीआई ने इतनी ज्यादा कमाई कर ली कि उसने सरकार को लगभग डबल डिविडेंड दिया. इसके पीछे 3 वजह प्रमुख हैं…

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  1. वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई की कमाई डॉलर के मजबूत होने से हुई. आरबीआई ने करीब 250 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी सरकार के बॉन्ड खरीदे और इन पर मिले ब्याज से उसे भरपूर कमाई हुई.
  2. इसके अलावा 2023-24 में लगभग पूरे साल रेपो रेट की दर 6.5 प्रतिशत बनी रही. इसका फायदा आरबीआई को मिला. देश के कमर्शियल बैंकों की पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए आरबीआई शॉर्ट टर्म लोन देता और इस पर जो ब्याज कमाता है, उसे ही रेपो रेट कहा जाता है.जबकि 2022-23 के दौरान रेपो रेट में लगातार बदलाव हुआ था और ये 4% से 6.5% तक पहुंचा था. इसलिए 2023-24 में केंद्रीय बैंक की इससे एक स्टेबल इनकम हुई, वहीं इस साल बैंकों के पास लगातार नकदी का संकट देखा गया, जिसके चलते बैंकों ने आरबीआई से लोन भी ज्यादा उठाया.
  3. तीसरा आरबीआई ने कमाई की फॉरेक्स ट्रेड से, रुपए की वैल्यू को संतुलित रखने के लिए आरबीआई मार्केट में डॉलर की सेल करता है. ऐसे में उसके खरीद और बिक्री के मार्जिन से उसे कमाई होती है. लेकिन आरबीआई ने यहां बड़ी प्लानिंग से काम किया.ईटी की खबर के मुताबिक अगर मार्केट में 5 अरब डॉलर रिलीज करने की जरूरत थी, तो आरबीआई ने उसकी जगह हाई रेट पर 25 अरब डॉलर रिलीज किए और जैसे ही रेट थोड़ा नीचे आया फिर से 20 अरब डॉलर खरीद लिए. इस तरह आरबीआई ने डॉलर हार्वेस्टिंग से कमाई की.

नई सरकार और इकोनॉमी ऐसे होगी मजबूत

आरबीआई का डिविडेंड नई सरकार को एकमुश्त बढ़ी रकम देगा. ये उसके बजट प्लान को बेहतर बनाने में काम आएगा. मान लेते हैं कि मौजूदा सरकार ही चुनाव के बाद दोबारा सरकार बनाती है, तो ये 2 लाख करोड़ रुपए का बजट उसके कैपिटल एक्सपेंडिचर के कुल बजट के करीब पांचवे हिस्से के बराबर होगा. ये देश में इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती के साथ-साथ सीमेंट, सरिया की डिमांड बढ़ाने में भी मददगार होगा.

अब अगर इसे ही दूसरे नजरिए से देखें, तो यदि चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन होता है, तब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सरकार बनेगी. ऐसे में महालक्ष्मी योजना, किसानों की कर्ज माफी, छात्रों के एजुकेशन लोन की माफी और 30 लाख सरकारी नौकरी के लिए सरकार को भारी भरकम बजट की जरूरत पड़ेगी.

मान लेते हैं कि सरकार 6 लाख रुपए के एवरेज पैकेज पर ही 30 लाख लोगों को नौकरी देती है, तब उसके लिए अच्छा खासा बजट इस 2.1 लाख करोड़ रुपए से मिल जाएगा. इससे भी देश के अंदर बड़े पैमाने पर कंज्यूमर गुड्स की डिमांड बढ़ेगी.

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