क्यों कम हुआ ऑयल कंपनियों का प्रॉफिट? 9 महीने में कूटे थे…- भारत संपर्क

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क्यों कम हुआ ऑयल कंपनियों का प्रॉफिट? 9 महीने में कूटे थे…- भारत संपर्क
क्यों कम हुआ ऑयल कंपनियों का प्रॉफिट? 9 महीने में कूटे थे 69,000 करोड़

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को वित्‍त वर्ष की चौथी तिमाही के प्रॉॉफिट में काफी नुकसान हुआ है.

तिमाही नतीजों का दौर अपने अंतिम पड़ाव पर है. देश की तीनों सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों ने अपना रिपोर्ट कार्ड सामने रख दिया है. चौथी तिमाही में तीनों कंपनियों इंडियल ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी आईओसीएल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी एचपीसीएल का मुनाफा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले काफी गिरा है. उसके बाद भी पूरे वित्त वर्ष में तीनों कंपनियों का नेट प्रॉफिट देखा जाए तो लाइफ टाइम हाई पर है. प्रॉफिट के आंकड़ें को देखें तो तीनों का कंपनियों काे ज्वाइंटली 82500 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है.

खास बात तो ये है कि तीनों कंपनियों को वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों में 69 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा हुआ था. अनुमान लगाया जा रहा था, कि सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों का प्रॉफिट 90 हजार रुपए के पार जा सकता है. इस आंकड़ें को छूना तो दूर कंपनियां इसके करीब तक नहीं पहुंच सकी हैं. आखिर ऐसे कौन से कारण हैं कि आखिर चौथी तिमाही में पेट्रोलियम कंपनियों का मुनाफा वैसे नहीं रहा, जिसकी उम्मीद की जा रही थी? आइए आंकड़ों की भाषा में समझने की कोशिश करते हें. यह भी बताने का प्रयास करते हैं कि आखिर तीनों कंपनियों का चौथी तिमाही में कैसा प्रदर्शन रहा है और पूरे साल में किस कंपनी को कितना मुनाफा हुआ?

एचपीसीएल का रिपोर्ट कार्ड

  1. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी एचपीसीएल के बीते वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के प्रॉफिट में 25 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
  2. कंपनी के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में उसका नेट प्रॉफिट 2,709.31 करोड़ रुपए देखने को मिला.
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  4. जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड का नेट प्रॉफिट 3,608.32 करोड़ रुपए देखा गया था.
  5. इस तिमाही में कंपनी ने प्रत्येक बैरल कच्चे तेल को फ्यूल में बदलने पर 6.93 अमेरिकी डॉलर की कमाई की है.
  6. जबकि इससे पिछली तिमाही में यह कंपनी के मार्जिन का आंकड़ा 8.50 डॉलर प्रति बैरल देखने को मिला था.
  7. अगर बात पूरे वित्त वर्ष 2023-24 की करें तो एचपीसीएल का नेट प्रॉफिट 16,014.61 करोड़ रुपए देखने में आया है.
  8. वहीं दूसरी ओर वित्त वर्ष 2022-23 में एचपीसीएल को प्रॉफिट हुआ ही नहीं था, बल्कि 6,980.23 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था.

बीपीसीएल को कम हुआ प्रॉफिट

  1. सरकरी पेट्रोलियम कंपनी बीपीसीएल का मार्च तिमाही में रिफाइनिंग मार्जिन कम होने से नेट प्रॉफिट 30 फीसदी घटकर 4,789.57 करोड़ रुपए रह गया है.
  2. खास बात तो ये है कि एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने बीपीसीएल को 6,870.47 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ था.
  3. चौथी तिमाही में बीपीसीएल का कारोबार पिछली मिताही के मुकाबले मामूली रूप से कम 1.32 लाख करोड़ रुपए पर देखने को मिला.
  4. पिछले साल की समान तिमाही यानी वित्त वर्ष 2023 की समान तिमाही में बीपीसीएल का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपए देखने को मिला था.
  5. अगर बात समूचे वित्त वर्ष यानी 2023-24 की करें तो बीपीसीएल को रिकॉर्ड 26,858.84 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ है.
  6. खास बात तो ये है कि बीते वर्ष 2022-23 में बीपीसीएल का नेट प्रॉफिट 2,131.05 करोड़ रुपए देखने को मिला था.

आईओसीएल का क्या है स्टेटस

  1. देश की सबसे बड़ी सरकारी ऑयल कंपननी के नेट प्रॉफिट में पिछले साल की समान अवधि में 10 फीसदी की गिरावट आई है.
  2. आंकड़ों पर आत करें तो इंडियन ऑयल कॉरपोरेशल लिमिटेड का नेट प्रॉफिट चौथी तिमाही में 5,149 करोड़ रुपए का देखने को मिला है.
  3. वहीं पिछले वित्त वर्ष 2023 की बात करें तो आईओसीएल का नेट प्रॉफिट 10,290 करोड़ रुपए देखने को मिला था.
  4. अगर बात वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही की बात करें तो आईओसीएल का नेट प्रॉफिट 9,030 करोड़ रुपए देखने को मिला था.
  5. पूरे वित्त वर्ष 2024 की बात करें को आईओसीएल को 39,619 करोड़ रुपए का प्रॉफिट है, जोकि बाकी दोनों कंपनियों से ज्यादा है.
  6. जबकि वित्त वर्ष 2023 में आईओसीएल का नेट प्रॉफिट काफी कम 8,242 करोड़ रुपए देखने को मिला था.

सरकारी कंपनियों का कुल प्रॉफिट

अगर बात सरकारी कंपनियों के पूरे नेट प्रॉफिट को देखें तो 82,492.45 करोड़ रुपए देखने को मिल रहा है. जोकि काफी बेहतर स्थिति में है. मुमकिन है कि आज तक तीनों सरकारी कंपनियों का नेट प्रॉफिट कभी इतना रहा हो. उसके बाद भी इस प्रॉफिट को उस अनुमान से कम आंका जा रहा है, जोकि तीसरी तिमाही आंकड़ों के आने के बाद तय किया गया था. जी हां, तीन तिमाहियों का कुल प्रॉफिट देखने के बाद जानकारों का अनुमान था कि पूरे वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 90 हजार करोड़ रुपए को पार कर जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. कंपनियों का रथ 83 हजार करोड़ रुपए से भी कम पर आकर रुक गया.

9 महीने में कितना हुआ था प्रॉफिट

वित्त वर्ष 2024 की पहली तीन तिमाही सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों के लिए किसी सपने के पूरे होने से कम नहीं था. जी हां, तीनों तिमाहियों में कंपनियों ने रिकॉर्ड प्रदर्शन किया था. साथ ही मुनाफे के भी रिकॉर्ड तोड़ डाले थे. लेकिन चौथी तिमाही में वैसे आंकड़ें देखने को नहीं मिले जितने मिलने चाहिए थे. वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही में पेट्रोलियम कंपनियों को 69 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनफा हुआ था. जोकि अपने आप में एक कीर्तिमान था. इसी वजह से अनुमान लगाया जा रहा था कि यह आंकड़ा 90 हजार करोड़ रुपए को पार कर जाएगा.

क्यों कम हुआ चौथी तिमाही में मुनाफा?

चौथी तिमाही में ऑयल कंपनियों का मुुनाफा कम हाेने की सबसे बड़ी वजह कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे को माना जा रहा है. जिसकी वजह से कंपनियों का मार्जिन कम हुआ है और उसका असर प्रॉफिट में देखने को मिला. वहीं दूसरा सबसे बड़ा अहम कारण ये रहा कि कच्चे की कीमत में इजाफे की वजह से ऑयल कंंपनियों की फ्यूल बनाने की कॉस्टिंग में इजाफा हो गया. तीसरा सबसे अहम कारण है कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2 रुपए की कटौती करनी पड़ी. इसका असर ऑयल कंपनियों की जेब पर उस ​समय देखने को मिला, जब इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम हाई पर थे.

प्रॉफिट के नुकसान का अनुमान

15 मार्च को ऑयल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया था, तब जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट आई थी. उस रिपोर्ट में कहा गया था कि 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के रेवेन्यू/एबिटा में सालाना लगभग 30,000 करोड़ रुपए (3.7 बिलियन डॉलर) की कमी देखने को मिल सकती है. रिपोर्ट में साफ मतलब था कि ओएमसी को बीती कुछ तिमाहियों में जबरदस्त मुनाफा हो रहा था वो अब आने वाले साल की तिमाहियों में नहीं होने वाला है. उसका असर सालाना रेवेन्यू या एबिटा पर देखने को मिल सकता है.

कैसा रहा कंपनियों के शेयरों का हाल?

अगर ऑयल कंपनियों के शेयरों की बात करें तो आईओसीएल के शेयर में गुरुवार को करीब 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है और कंपनी का शेयर 156.70 रुपए पर बंद हुआ. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 156.10 रुपए प्रति शेयर पर पहुंच गया था. वहीं दूसरी ओर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयर में गुरुवार को 4.58 फीसदी की गिरावट देखी गई है. जिसकी वजह से कंपनी का शेयर 592.30 रुपए पर बंद हुआ.

वैसे कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 590.20 रुपए के साथ दिन के लोअर लेवल पर भी गया था. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयर में 4.17 फीसदी की गिरावट देखी गई है. जिसके बाद कंपनी का शेयर 501.30 रुपए पर बंद हुआ. वैसे कंपनी का शेयर 497 रुपए के साथ दिन के लोअर लेवल पर भी पहुंच गया.

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