रूस में फिर पुतिन राज लौटने से बदलने लगे हालात, आंखें दिखाने वालों के भी तेवर पड़े… – भारत संपर्क

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रूस में फिर पुतिन राज लौटने से बदलने लगे हालात, आंखें दिखाने वालों के भी तेवर पड़े… – भारत संपर्क
रूस में फिर पुतिन राज लौटने से बदलने लगे हालात, आंखें दिखाने वालों के भी तेवर पड़े नरम

रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल

यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका और उसके समर्थक देश रूस को यूक्रेन में रोकने के लिए हर तरीके से यूक्रेन को मदद कर रहे हैं. एशियाई देश साउथ कोरिया की भी अमेरिका और यूक्रेन से गहरी दोस्ती है, नॉर्थ कोरिया के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए साउथ कोरिया अमेरिका का सहारा लेता रहता है. लेकिन रूस के खिलाफ यूक्रेन का सीधे तौर पर साथ देने से साउथ कोरिया पीछे हटता दिखाई दे रहा है.

अमेरिका से करीबी के बावजूद साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने गुरुवार को युद्ध में यूक्रेन को हथियार देने से ये कहते हुए इंकार कर दिया कि उसके यूक्रेन के साथ मजबूत रिश्ते हैं लिकिन रूस से भी उसके संबंध अच्छे हैं.

ब्रिटेन और अमेरिका की नहीं मानी बात

यूक्रेन को सैन्य मदद के लिए साउथ कोरिया के साथी देश अमेरिका और ब्रिटेन चाहते थे कि वे भी यूक्रेन को सैन्य मदद करे. क्योंकि पश्चिमी देशों का दावा है कि युद्ध में रूस को नॉर्थ कोरिया ने हथियार दिए हैं. राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने कहा जंग में फंसे देशों को घातक हथियार नहीं देना उनका “दृढ़ रुख” है. यूं ने आगे कहा कि उनका देश संविधान की भावना के अनुरूप मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है. यून ने ये भी कहा कि अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के युद्ध में हथियार देने से उनके मॉस्को के साथ संबंध तनावपूर्ण हुए हैं.

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नॉर्थ कोरिया पर साधा निशाना

यून ने कहा, “उत्तर कोरिया का आक्रामक हथियारों का निर्यात न सिर्फ यूक्रेन में अवैध रूप से युद्ध छेड़ने का साथ देता है, बल्कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों पर लगे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध के प्रस्तावों का भी स्पष्ट रूप से उल्लंघन है.”

बता दें उत्तर कोरिया और रूस की करीबी के बावजूद यून ने रूस के साथ काम करने की बात कही है.

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