Explained: स्टॉक मार्केट की गिरावट से 17.16 करोड़ लोगों की…- भारत संपर्क

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Explained: स्टॉक मार्केट की गिरावट से 17.16 करोड़ लोगों की…- भारत संपर्क
Explained: स्टॉक मार्केट की गिरावट से 17.16 करोड़ लोगों की सांसें अटकीं, रखे रहें या बेच दें शेयर?

शेयर मार्केट में गिरावट के बीच क्या करना होगा सही?

गुरुवार को जब शेयर बाजार ने गोता लगाना शुरू किया तो स्टॉक मार्केट क्लोज होते-होते सेंसेक्स 1062 अंक से ज्यादा लुढ़क गया. महज 6 घंटे के कारोबार में शेयर बाजार में रजिस्टर्ड 17.16 करोड़ निवेशकों के 7.35 लाख करोड़ रुपए सफाचट हो गए. बाजार में ये गिरावट बीते कई दिन से जारी है और अगर मई के महीने को ही देखें तो बाजार लोगों के 12.89 लाख करोड़ रुपए निगल चुका है. ऐसे में निवेशक क्या करें, शेयरों को पोर्टफोलियो में बनाए रखें या बेच दें? चलिए समझते हैं पूरा गणित…

गुरुवार को एशिया के सबसे पुराने शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों का इंडेक्स सेंसेक्स बुरी तरह टूट गया. इसने 1062.22 अंक का गोता लगाया और ये 72,404.17 पॉइंट पर बंद हुआ. बाजार में एक ही दिन के अंदर 1.45 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 कंपनियों का सूचकांक निफ्टी 50 भी 345 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. शाम को कारोबार समाप्ति के वक्त ये 21,957.50 अंक पर सेटल हुआ और एक दिन में 1.55 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.

आखिर क्यों देखी गई ये गिरावट?

अब सवाल ये है कि शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट क्यों देखी गई? इसका अगर एक लाइन में सीधा-सीधा जवाब देना हो, तो वो ये है कि अनिश्चिता का माहौल है जिसकी वजह से ट्रेडर्स अपने दांव बहुत सोच-समझकर लगा रहे हैं. अब ये अनिश्चिता क्यों हैं?

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अनिश्चिता के सवाल को अगर घरेलू स्तर पर देखा जाए, तो देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. बाजार को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में वापसी कर सकती है, लेकिन बाजार असल में एक स्थिर सरकार चाहता है. दूसरी ओर इस समय लगातार देश की तमाम कंपनियां अपने चौथी तिमाही के परिणाम जारी कर रही हैं. जो बाजार की उम्मीद के मुताबिक नहीं हैं. इसका असर भी घरेलू बाजार पर दिख रहा है.

अनिश्चिता के सवाल का एक ग्लोबल पक्ष भी है. दुनिया में कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. जैसे इजराइल और फिलिस्तीन का संकट गहराता जा रहा है. वहीं फेडरल रिजर्व और उसके अधिकारियों के लगातार आ रहे बयान से इंटरनेशनल मार्केट में हलचल है. इतना ही नहीं डॉलर के मजबूत होने से उस पर यील्ड बेहतर हुआ है जिसके चलते भारतीय बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FII) बेधड़क पैसा निकाल रहे हैं.

तो क्या डरने की जरूरत है?

शेयर बाजार में मई के दौरान सेंसेक्स में कुल 2000 अंक से ज्यादा की गिरावट दर्ज की जा चुकी है, तो निफ्टी भी 650 अंक से ज्यादा गिर चुका है. ऐसे में क्या इस घटनाक्रम से डरने की जरूरत है? इसे लेकर शेयर मार्केट एक्सपर्ट पुनी किनरा बताते हैं कि भारतीय स्टॉक मार्केट के फंडामेंटल बहुत मजबूत हैं. ऐसे में अगर बहुत बुरी स्थिति आई भी, तो निफ्टी 21,300 अंक तक गिरेगा. निफ्टी का टारगेट 21,500 से 21,800 अंकों का है. शेयर बाजारों में ये स्थिति 4 जून यानी चुनाव का परिणाम आने तक बनी रह सकती है.

क्या करें… बेच दें या रखे रहें शेयर?

अब सवाल ये है कि जिन लोगों ने शेयर बाजार में निवेश किया है, वो इस वक्त क्या करें? इसे लेकर पुनीत किनरा का कहना है कि शेयर बाजार में ये स्थिति शॉर्ट टर्म की दिखती है. बाकी 4 जून के चुनाव परिणाम पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा. निवेशकों को अभी अपने स्टॉक को हेज करके यानी रोककर रखने में फायदा हो सकता है.

फर्स्ट टाइम इंवेस्टर्स क्या करें?

पुनीत किनरा शेयर बाजारों में कुछ समय पहले ही निवेश करना शुरू करने वाले फर्स्ट टाइम इंवेस्टर्स को भी बेहतरीन सलाह देते हैं. उनका कहना है कि अगर कोई निवेशक पहली बार निवेश करने जा रहा है तो वह लार्ज कैप स्टॉक्स से निवेश की शुरुआत कर सकता है. ये शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करने का सबसे मुफीद समय है. वहीं अगर शेयर मार्केट थोड़ा और टूटता है तो इंवेस्टर्स मिडकैप में भी निवेश कर सकते हैं

डिस्क्लेमर : यहां बताई गई बातें एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर लिखी गई हैं. ये TV9 ग्रुप का ओपिनियन नहीं है. शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वह अपने फैसले किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से मशविरा करने के बाद अपने विवेक से ही करें. शेयर बाजार में निवेश करना बाजार जोखिम के अधीन होता है.

(इनपुट : सौरभ शर्मा)

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