अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है दुनिया…मालदीव के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद… – भारत संपर्क

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अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है दुनिया…मालदीव के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद… – भारत संपर्क
अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है दुनिया...मालदीव के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद बोले जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को भारत दौरे पर आए विदेश मंत्री मूसा जमीर से कहा कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच भारत-मालदीव संबंधों का विकास आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है. उन्होंने कहा कि अनिश्चितता के दौर में पड़ोसी देशों से साझेदारी मूल्यवान है. बता दें कि जमीर एक दिन पहले अपनी “पहली द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा” पर भारत पहुंचे हैं. हाल में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार से द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. मालदीव के विदेश मंत्री भारत के साथ साझेदारी को गहरा करने पर बातचीत करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर हैं.

उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब मुइज्जू द्वारा द्वीप राष्ट्र में तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले लगभग 90 भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर जोर देने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया था.

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दौरे पर आए विदेश मंत्री के साथ बैठक के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी देते हुए जयशंकर ने कहा, निकट और निकटतम पड़ोसियों के रूप में हमारे संबंधों का विकास आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है. जहां तक भारत का सवाल है, ये हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और सागर मिशन में व्यक्त किए गए हैं. मुझे उम्मीद है कि आज की हमारी बैठक ने हमें अपने दृष्टिकोणों को मजबूत करने में सक्षम बनाया है.”

मालदीव के विकास में मदद

जयशंकर ने कहा कि भारत मालदीव को विकास सहायता का एक प्रमुख प्रदाता रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी परियोजनाओं से आपके देश में लोगों के जीवन को लाभ हुआ है. हमने अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता भी दी है. भारत कई मौकों पर प्रथम प्रतिक्रिया देने वाला रहा है.

उन्होंने कहा कि दुनिया एक अस्थिर और अनिश्चित दौर से गुजर रही है. ऐसे समय में, जैसा कि हमने कोविड के दौरान देखा, प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक कठिनाइयों के दौरान, पड़ोसियों के बीच घनिष्ठ साझेदारी बहुत मूल्यवान है. इसलिए आज, हम अपने संबंधों के विभिन्न आयामों की समीक्षा करेंगे. मंत्री ने कहा, ”हमारे रिश्ते को बेहतर तरीके से कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर सहमति बनाना हमारे साझा हित में है.”

मालदीव और भारत के रिश्तों में तनाव

बता दें कि भारत पहले ही अपने अधिकांश सैन्यकर्मियों को वापस बुला चुका है. मुइज्जू ने अपने देश से सभी भारतीय सैनिकों के बाहर निकलने की समय सीमा 10 मई निर्धारित की थी.

मालदीव के तीन उपमंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद संबंधों में और तनाव आ गया था, जब मोदी ने 6 जनवरी को अपने एक्स हैंडल पर भारत के पश्चिमी तट पर प्राचीन लक्षद्वीप द्वीपों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए थे. विपक्षी नेताओं द्वारा भारतीय नेता के खिलाफ अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा की आलोचना के बाद मालदीव सरकार ने तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था.

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