मालदीव से लौटे सभी भारतीय सैनिक, 10 मई और विदेश मंत्री के दौरे से क्या है कनेक्शन? |… – भारत संपर्क
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू
भारत और मालदीव के बीच करीब 6 महीने से जारी तनातनी के बाद, रिश्तों में सुधार के लिए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर अपने पहले आधिकारिक भारत दौरे पर हैं. उनके दौरे के दौरान ही मालदीव के राष्ट्रपति ऑफिस की प्रवक्ता हिना वलीद ने बताया कि मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों के अंतिम जत्थे को वापस भेज दिया गया है. हालांकि उन्होंने भारतीय सैनिकों की सटीक तादाद की जानकारी नहीं दी.
अपने चुनावी प्रचार के दौरान मोहम्मद मुइज़ू ने मालदीव की जमीन पर भारतीय सेना की तैनाती को खत्म करने का वादा किया था. मालदीव से भारतीय सेना की पूर्ण वापसी के लिए 10 मई तक का समय था. जिसके बाद आज भारत के सभी सैनिकों की घर वापसी हो गई है.
मालदीव में क्यों तैनात थे भारतीय सैनिक?
भारतीय सैन्यकर्मी भारत की ओर से उपहार में दिए गए दो हेलीकॉप्टरों और डोर्नियर विमान के संचालन तथा रखरखाव के लिए मालदीव में तैनात थे. मालदीव की नई सरकार जिसको चीन का समर्थित सरकार की नजर से देखा जाता है, उसने सत्ता में आने के बाद भारतीय सैनिकों की देश में तैनाती का विरोध जताया था और वापस भेजने के आदेश जारी किए थे.
इससे पहले मालदीव सरकार ने घोषणा की थी कि 51 सैनिकों को सोमवार को भारत वापस भेज दिया गया है. सरकार ने आधिकारिक दस्तावेज के हवाले से मालदीव में 89 भारतीय सैनिकों की मौजूदगी की जानकारी दी थी.
भारत ने दी थी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा था कि भारतीय कर्मियों का पहला और दूसरा जत्था भारत लौट आया है और तीन भारतीय विमानन मंचों को संचालित करने के लिए “अब भारतीय तकनीकी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है.”