कुछ सेकेंड का गुस्सा भी है दिल के लिए खतरनाक! नई रिसर्च में क्या आया सामने? |…

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कुछ सेकेंड का गुस्सा भी है दिल के लिए खतरनाक! नई रिसर्च में क्या आया सामने? |…
कुछ सेकेंड का गुस्सा भी है दिल के लिए खतरनाक! नई रिसर्च में क्या आया सामने?

गुस्से से दिल को खतराImage Credit source: Getty

Anger and Heart Disease: अगली बार जब आप ट्रैफिक सिग्नल पर अपनी गाड़ी रोकें गुस्सा करने की बजाय शांत रहें. क्योंकि आपके जरा से गुस्से की कीमत दिल को चुकानी पड़ सकती है. सुनने में आपको थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है लेकिन ये सच है. हाल ही में, गुस्से और दिल पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को लेकर एक रिसर्च सामने आई है. इस शोध को कोलंबिया यूनिवर्सिटी इर्विंग मेडिकल सेंटर के रिसर्चर्स की ओर किया गया है.

रिसर्च के मुताबिक, कुछ ही समय का गुस्सा एंडोथेलियल सेल्स के काम को बाधित कर सकता है. ये सेल्स ब्लड वेसल्स को हेल्दी बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. शोध से पता चलता है कि गुस्सा दिलाने वाली घटनाएं जैसे- रोड रेज, ऑफिस में कहा-सुनी या ट्रैफिक को लेकर होने वाला चिड़चिड़ापन- ये सभी एंडोथेलियल सेल्स को प्रभावित करके दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

रिसर्च में क्या आआ सामने

जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में छपे शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं का कहना है कि लोगों में रोजाना गुस्सा, चिंता और उदासी जैसी नकारात्मक भावनाएं महसूस होना आम बात है. इसके बारे में कई शोध हुए हैं कि ये इमोशंस दिल की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं. हालांकि, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी कि जानबूझकर उकसाए गए ऐसे इमोशंस ब्लड वेसेल्स को कैसे प्रभावित करते हैं. ऐसे में ये शोध यह देखने के लिए डिजाइन किया गया था कि क्या वाकई जानबूझकर पैदा किया गया गुस्सा दिल को प्रभावित करेगा?

गुस्से से दिल होगा प्रभावित

अध्ययन में कहा गया है कि गुस्सा, चिंता और उदासी समेत नकारात्मक भावनाओं से दिल के रोग का जोखिम बढ़ सकता है. इस शोध में 280 वयस्कों को शामिल किया गया था, जिन्हें 8 मिनट के लिए गुस्से या फिर उदासी वाली घटनाओं को याद करने के लिए कहा गया. रिसर्च में उन लोगों को भी शामिल किया गया था, जिन्हें न्यूट्रल यानी साधारण घटनाओं को याद करने के लिए कहा गया था.

हालांकि, शोधकर्ताओं ने इससे पहलेऔर बाद में उनके एंडोथेलियल सेल्स की हेल्थ के बारे में अच्छी तरह से जान लिया था. इस रिसर्च में सामने आया कि गुस्से वाली घटनाओं को याद करने और न्यूट्रल घटनाओं को याद करने वाले लोगों के एंडोथेलियल फंक्शन में काफी अंतर था.

दिलचस्प बात यह है कि जहां गुस्से का हमारे दिल पर बुरा असर पड़ता है तो वहीं चिंता और उदासी की भावनाओं ने एंडोथेलियल फंक्शन पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं दिखाया. रिसर्च से ये भी सामने आया है कि मेंटल हेल्थ का भी दिल पर गहरा असर देखने को मिलता है.

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