फ्रेशर्स अपडेट कर लें अपना रिज्यूम, ये कंपनी देगी 10 हजार…- भारत संपर्क

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फ्रेशर्स अपडेट कर लें अपना रिज्यूम, ये कंपनी देगी 10 हजार…- भारत संपर्क
फ्रेशर्स अपडेट कर लें अपना रिज्यूम, ये कंपनी देगी 10 हजार नौकरी

एचसीएल टेक अगले वित्त वर्ष में 10 हजार से ज्यादा जॉब्स देने का ऐलान किया है.

जो फ्रेशर्स जॉब की तलाश कर रहे हैं वे जल्द से जल्द अपना रिज्यूम अपडेट कर लें. देश की दिग्गज आईटी कंपनी ने 10 हजार से ज्यादा जॉब देने का ऐलान कर दिया है. देश की आईटी दिग्गज कंपनी एचसीएल टेक ने अपनी चौथी तिमाही के नतीजों के जारी करने दौरान अगले एक साल में 10 हजार से ज्यादा फ्रेशर्स को जॉब देने का ऐलान किया है. आईटी कंपनी ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने बीते वित्त वर्ष में फ्रेशर्स को जॉब देने में कोई कोताही नहीं बरती, वैसे ही आने वाले साल में भी फ्रेशर्स को जॉब देना जारी रखेंगे.

पिछले साल कितनी थी जॉब

एचसीएलटेक के चीफ पीपल ऑफिसर, रामचंद्रन सुंदरराजन ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में, हमने लगभग 15,000 फ्रेशर्स को काम पर रखने के लक्ष्य के साथ शुरुआत की थी. वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने 12 हजार फ्रेशर्स को जॉब दी. उन्होंने कहा कि पूरे साल हमारे पास जो अस्थिरता रही, उसे देखते हुए, हमें अपनी नई रिक्रूटमेंट्स को फिर से व्यवस्थित करना पड़ा. बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में नेट फ्रेशर्स की संख्या 3,096 रही. पूरे वित्त वर्ष में HCLTech ने 12,141 फ्रेशर्स को जॉब पर रखा. चौथी तिमाही में कंपनी की कुल कर्मचारियों की संख्या 227,481 थी.

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में, हम उम्मीद करते हैं कि नियुक्ति इसी तरह होगी, कंपनी ने 10,000 से ज्यादा फ्रेशर्स को जॉब देने की प्लानिंग कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके थ्रू वह अपने कैंपस प्रोग्राम्स के साथ-साथ अपने नए रिक्रूटमेंट प्रोग्राम्स को भी आगे बढ़ाना जारी रखेंगे. सुंदरराजन ने कहा कि डिमांड के बेस पर प्रत्येक तिमाही में फ्रेशर्स को जॉब पर रखे जाने का काम जारी रहेगा.

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इतने लोगों ने छोड़ी जॉब

अगर बात कंपनी से जॉब छोड़ने वाले लोगों की करें तो 12.4 फीसदी देखने को मिली है जो तीसरी के 12.8 फीसदी से कम है. कांट्रैक्ट जॉब पर कंपनी ने कहा कि वह डिमांड को पूरा करने के लिए इंटरनल फुलफिलमेंट का तरीका अपनाने पर फोकस करेंगे. जरुरत पड़ने पर ही कंपनी कांट्रैक्टचुअल जॉब के बारे में सोच विचार करेगी. सुंदरराजन ने कहा ने कहा कि कांट्रैक्ट हायरिंग काफी टैक्टीकल होती है.

अनुबंध पर नियुक्ति हमेशा बहुत ही सामरिक प्रकृति की होती है. यह सब इस पर डिपेंड करता है कि डिमांड को इंटरनली कैसे पूरा किया जाता है. जब ऐसा लगने लगता है कि इंटरनली डिमांड को पूरा करना संभव नहीं है, उसके बाद कांट्रैक्ट हायरिंग को तरजीह दी जाती है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में कांट्रैक्ट हायरिंग में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.

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