जो पूरी दुनिया न कर सकी वो नेतन्याहू की एक जिद ने कर डाला, 64 साल पुराना दोस्त बना… – भारत संपर्क

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जो पूरी दुनिया न कर सकी वो नेतन्याहू की एक जिद ने कर डाला, 64 साल पुराना दोस्त बना… – भारत संपर्क
जो पूरी दुनिया न कर सकी वो नेतन्याहू की एक जिद ने कर डाला, 64 साल पुराना दोस्त बना इजराइल का दुश्मन!

अमेरिका और इजराइल के बिगड़ रहे रिश्ते

अमेरिका इजराइल की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. इजराइल की स्थापना के पहले से ही अमेरिका यहूदी राज्य (Jewish State) के आइडिया की हिमायत करता आया है. 1917 में फिलिस्तीन की धरती पर यहूदी राज्य की स्थापना के लिए लाए गए ‘बालफोर डिक्लेरेशन ‘ का समर्थन करते हुए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 1919 में कहा था, “हमारी सरकार की पूर्ण सहमति है कि फिलिस्तीन में एक यहूदी राष्ट्रमंडल की नींव रखी जाएगी.”

1948 में इजराइल की स्थापना होने के बाद उसको मान्यता देने वाला अमेरिका पहला देश था. 1960 से अमेरिका और इजराइल के बीच गहरे संबंध रहे हैं. स्थापना के बाद से आजतक अमेरिका इजराइल को हर क्षेत्र में मदद करता आया है. 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमले के कुछ दिन बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने इजराइल का दौरा किया था और इजराइल को हर तरह की मदद का वादा किया था. इजराइल पहुंचने वाले वो दुनिया के पहले नेता थे. लेकिन हाल ही में इजराइल के राफा इंवेजन और पूरे गाजा में मानवीय संकट के बाद अमेरिका और इजराइल के रिश्तों में दरारें आती दिख रही हैं.

अमेरिका ने इजराइल को दी धमकी

राफा में हमले न करने की चेतावनी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहली ही दे चुके थे. चेतावनी के बावजूद इजराइल ने राफा में हमला बोल दिया. जिसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बयान दिया है कि वे इजराइल को दी जाने वाली सैन्य मदद रोक देंगे. ऐसा हाल के इतिहास में पहली बार देखा गया है जब अमेरिका ने इजराइल के खिलाफ कोई इतना सख्त कदम उठाया हो.

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अमेरिका के गुस्से की क्या है वजह ?

जानकारों के मुताबिक अमेरिका के इस गुस्से की वजह उसके ऊपर बढ़ रहे अंदरूनी और बाहरी दबाव हैं. दरअसल अमेरिका में इस वक्त बड़े पैमाने पर फिलिस्तीन समर्थित प्रदर्शन हो रहे हैं. इसके अलावा कई अतंरराष्ट्रीय संगठनों ने गाजा के मानवीय संकट पर अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. इस साल नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और बाइडेन को विदेश और देश दोनों ही जगह इजराइल को लेकर उनके स्टेंड पर गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.

इजराइल ने भी सुनाई दो टूक

अमेरिका के हथियार रोकने वाली धमकी के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “इजराइल अकेला खड़ा रह सकता है.” उन्होंने राफा में इजराइली अटैक को सही बताते हुए देश की जनता को जताया कि अपनी सुरक्षा के लिए इजराइल को अमेरिका के साथ की जरूरत नहीं है.

नेतन्याहू की जिद से हो सकता है नुकसान

इजराइल को स्थापना के बाद से ही उसको अमेरिका से सबसे ज्यादा मदद मिलती है. ‘काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन’ के मुताबिक, अमेरिका की ओर से इजराइल को दी जाने वाली आर्थिक और सैन्य सहायता 300 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है. अमेरिका कई और देशों को हर साल सहायता देता है, लेकिन इजराइल को दी जाने वाली सहायता सबसे ज्यादा है. इसके अलावा अतंरराष्ट्रीय मंचों पर भी अमेरिका इजराइल की तरफदारी करता आया है. अमेरिका से रिश्ते खराब होना इजराइल के लिए बहुत भारी पड़ सकता है.

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